Friday 10 January 2014

गंगा प्रदूषण से सम्बन्धित आंकडे और धाराओ की वर्तमान स्थिति


गंगा प्रदूषण से सम्बन्धित आंकडे निम्नलिखित है. 
  1. गंगा में गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक प्रतिदिन १४४.२ मिलियन क्यूबिक मलजल प्रवाहित किया जाता है.
  2. गंगा में लगभग ३८४० नाले गिरते है.
  3. गंगा तट पर स्थापित औद्योगिक इकाईया प्रतिदिन ४३० मिलियन लीटर जहरीले अपशिष्ट का उत्सर्जन करती है जो सीधे गंगा में बहा दिया जाता है.
  4. लगभग १७२.५ हजार टन कीटनाशक रसायन और खाद हर वर्ष गंगा में पहुचता है.
  5. वर्तमान समय में गंगा में डालफिन लुप्तप्राय है. उत्तर प्रदेश में मात्र १०० बची है.
  6. गंगा किनारे ३ किलोमीटर के दायरे में धोबीघाट पाए जाते है जो ४० से ६० प्रतिशत फास्फोरस डिटर्जेंट के माध्यम से पहुचा रहे है.
  7. गंगा बेसिन में केवल १४.३ परसेंट वन शेष रह गए है.
इन सबकी वजह से गंगा की प्रमुख धाराओं की वर्तमान स्थिति अत्यंत दयनीय हो गयी है.अब गंगा कचरे की संस्कृति का प्रतीक बन गयी है। नीचे गंगा से सम्बंधित तकरीबन सभी धाराओं का विवरण दिया गया है... 
  1. गणेश गंगा (पातालगंगा )---- सूखी
  2. गरुड्गंगा ------ सूखी
  3. ऋषी गंगा ----- जलस्तर में तेजी से गिरावट
  4. रूद्र गंगा ------ विलुप्त
  5. धवल गंगा ------ जलस्तर में तेजी से गिरावट
  6. विरही गंगा ------ जलस्तर में तेजी से गिरावट
  7. खंडव गंगा ----- विलुप्त
  8. आकाश गंगा ------ जलस्तर में तेजी से गिरावट
  9. नवग्राम गंगा ------ विलुप्त
  10. शीर्ष गंगा ----- विलुप्त 
  11. कोट गंगा ----- विलुप्त
  12.  गूलर गंगा ----- जलस्तर में तेजी से गिरावट
  13. हेम गंगा ----- सूखी
  14. हेमवती गंगा ---- विलुप्त 
  15. हनुमान गंगा ---- जलस्तर में तेजी से गिरावट 
  16. सिध्तारंग गंगा ---- जलस्तर में तेजी से गिरावट 
  17. शुद्ध्तारंगिनी गंगा ---- विलुप्त 
  18. धेनु गंगा ----- विलुप्त 
  19. सोम गंगा ----- विलुप्त 
  20. अमृत गंगा ----- जलस्तर में तेजी से गिरावट 
  21. कंचन गंगा ----- वनस्पति के तीव्र दोहन से गादयुक्त हो गयी है 
  22. लक्ष्मण गंगा ------ जलस्तर में तेजी से गिरावट 
  23. दुग्ध गंगा ----- विलुप्त 
  24. घृत गंगा ----- विलुप्त 
  25. रामगंगा ----- तेजी से सूख रही है 
  26. केदार गंगा जलस्तर में तेजी से गिरावट

2 comments:

  1. हर स्नान पर्व पर हम गंगा के मैली होने की शिकायत करते हैं पर इस दिशा में कोई प्रयास नहीं करते.

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  2. हर कोई गंगा प्रदुषण का रोना रोता है और एक दुसरे पर दोष लगा कर शांत हो जाता है लेकिन गंगा को शुद्ध कौन करेगा ? धार्मिक आस्था वाले पर्वों के अवसर पर गंगा नहाना नहीं छोड़ेंगे ! मृत का अवशेष गंगा में डालना नहीं छोड़ेंगे ! किनारे धोबीघाट बंद नहीं होगा | केमिकल फैक्ट्री का कचड़ा डालना सरकार बंद नहीं करेंगे क्योकि फक्टोरियां उन्ही की हैं या उनके चमचो की है ! अब रह गयी जनता जिसमें एकता नहीं है ,जाति,धर्म ,संप्रदाय में बटें हैं ! पहले लोग आस्था के नाम से गंगा में नहाना और गन्दगी फेंकना बंद करे फिर एकजुट होकर उन औद्योगिक इकाइयों को बंद करवाएं जिसका पानी गंगा गंगा के पानी को दूषित करता हैं ! तभी पुरनी पवित्र गंगा मिल पाएगी !
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